भारत की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की सबको बहुत बहुत बधाई …
हिन्दुस्तान ...
भारत की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की सबको बहुत बहुत बधाई ...
प्रेम की ख़ुशबू यहाँ, बलिदान का लोबान है
इस भरत भू की तो...
य एषु सुप्तेषु जागर्ति
य एषु सुप्तेषु जागर्ति
कौन है वह जो 'इन' 'सोये-हुओं' में जागता है?
मैं इस सूक्ति को कुछ अलग अर्थ में देखता हूँ।
सोचता हूँ यह 'किसका'...
श्रीरुद्राष्टकम्
श्रीरुद्राष्टकम्
ॐ नम: शिवाय
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II श्रीरुद्राष्टकम् II
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नमामीशमीशान निर्वाण-रूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद-स्वरूपं
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजे- अहं १.
निराकारामोंकार मूलं तुरीयं
गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशं
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतो-अहं...